सोमवार, 11 अप्रैल 2022। जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा जोधपुर के औद्योगिक इकाईयां से निकलने वाले अपशिष्ट जल प्रबंधन हेतु एक बैठक का आयोजन सोमवार को एसोसिएशन सभागार में किया गया। इस बैठक में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के उत्कृष्ट वैज्ञानिक श्री राधेश्याम सोनी ने जोधपुर के उद्यमियों को भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा निर्मित तकनीक टेक्सटाइल उद्योगां से निकलने वाले अपशिष्ट जल को पुनः उपयोग में लाने योग्य बनाने वाली तकनीक की जानकारी दी।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के उत्कृष्ट वैज्ञानिक श्री राधेश्याम सोनी ने उद्यमियों को बताया कि यह जल प्रदूषण से आयनिक रंगों को हटाने के लिए रेडिएशन ग्राफ्टेड सेलूलोज़ आधारित तकनीक है। यह तकनीक कार्ट्रिज का उपयोग कर कपास वस्त्र उद्योगों से रंगों और रसायनों के सोखने पर आधारित है। इसमें सेलूलोज़ आधारित कार्ट्रिज फ़िल्टर का उपयोग करके, जिन्हें आइरानिक्ली लगाया जाता है और इन कार्ट्रिज को बीएआरसी में विकिरण इकाई से गुजरकर आयनात्मक रूप से सक्रिय किया जाता है। इन कार्ट्रिज में किसी प्रकार का कोई रेडिएशन नहीं होता है उन्हें सूती वस्त्र उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले रंगों और रसायनों के शोषण के लिए रासायनिक रूप से सक्रिय किया जाता है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस में उपयोग होने वाला कार्ट्रिज गामा रेडिएशन को निष्क्रिय कर देते है जिससे इसके अन्दर जितने भी आयरन है वह इसमें रह जाते है और साफ पानी हमे मिलता है यह साफ पानी खेतो में और पुनः काम में लेने योग्य होगा। बीएआरसी इस तकनीक को भावी उद्योगों में दे रहा है। छोटी इकाईयों में यह पोर्टेबल, फिक्स्ट या ओवरहेड संरचनाओं से लटका कर स्थापित किया जा सकता है। यह तकनीक पहले ही देश में लगभग 8 से 10 स्थानों पर स्थापित की जा चुकी है जिसमें सूरत में गार्डन वेरेली और गुजरात के जैतपुर में कुटीर उद्योग शामिल हैं। बीएआरसी पीएमओ के स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामाजिक संपर्क कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में यह सेवा कर रहा है।
जेआईए अध्यक्ष एन.के.जैन ने बताया कि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा निर्मित इस तकनीक का एक संयंत्र जोधपुर में और दूसरा पाली में स्थापित करना प्रस्थावित है। जोधपुर में इसकी संभावनाओं को देखते हुए जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के साथ मिलकर अपशिष्ट जल प्रबंधन पर शीघ्र ही एक संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया की उद्यमियों द्वारा आग्रह किया गया की बीएआरसी द्वारा इस प्रकार का एक संयंत्र जोधपुर की एक औद्यौगिक इकाई में निशुल्क स्थापित किया जाए और एक वर्ष तक उसका रखरखाव भी उन्ही के द्वारा किया जाए, इसके परिणाम आने के बाद ही इस तकनीक को स्थानीय उद्यमियों को उपलब्ध कराई जाए जिसे उन्होंने स्वीकार किया। इस अवसर पर जेआईए पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार संचेती, वरिष्ठ उद्यमी गजेन्द्रमल सिंघवी, जोधपुर टेक्सटाईल हैण्डप्रासेसर एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक बाहेती, सचिव जसराज बोथरा, मरूधरा इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन सचिव निलेश संचेती, जी.के.गर्ग, मनोहर लाल खत्री, जयंतीलाल जैन एवं प्रदीप श्रीकान्त शर्मा सहित अनेक औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।